क्या है वजह इल्म नहीं,
इल्म नहीं क्या दोष है...
(मृगतृष्णा- Mirage, फ़िरदौस- Heaven/Garden,
तदबीरें- Plans, अवसाद- Depression)
क्या है वजह इल्म नहीं,
इल्म नहीं क्या दोष है
है घूरता हर ओर से
बस इतना मुझको होश है
न बोलता, न खेलता,
न मांगता, सुनता नहीं
रुक जाऊं मै, घुंटता रहूं
मेरे अंदर वो रुकता नहीं
मन का हाल है रेगिस्तान,
बेरंगी है, रोष है
मेरा वज़ूद मृगतृष्णा,
उसका वज़ूद फ़िरदौस है
ख़ूब कर ली कोशिशें और,
बदली कितनी ही तदबीरें
ये ख़ून में है घुल गया,
और बदल दी सारी तस्वीरें
कैसी हवाओं में मुझको
खींच ये लाया है
परछाइयों सा जुड़ा
चलता साथ एक साया है
क्यों घेरे हुए हर सांस को
कुछ भी ना मुझको याद है
चेहरा गुम, पहचान गुम
नाम शायद अवसाद है।
- गौतम
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