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Showing posts from 2018

छोड़ो! सो जाओ, कितना जागोगे ?

आलम मंद, चुस्ती में अब बात नहीं है रात अँधेरी, जुगनू की औकात नहीं है

मेरे यार की मौत

एक कोने से मेरे यार की  मौत की खबर आयी है!